सकट चौथ की आरती: सकट चौथ पर भगवान गणेश और माता सकट की पूजा का महत्व
सकट चौथ के पावन दिन पर भगवान गणेश, चंद्र देव, और माता सकट की पूजा की जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस वर्ष सकट व्रत 29 जनवरी को मनाया जाएगा।
पूजा विधि के अनुसार, शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और माता सकट की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश की आरती की जाती है, उसके बाद माता सकट की आरती करना न भूलें। यहां आप सकट माता की आरती के लिरिक्स देख सकते हैं।
सकट चौथ की आरती:
ओम जय श्री चौथ मैया, बोलो जय श्री चौथ मैया
सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया
ओम जय श्री चौथ मैया
ऊंचे पर्वत मंदिर, शोभा अति भारी
देखत रूप मनोहर, असुरन भयकारी
ओम जय श्री चौथ मैया
महासिंगार सुहावन, ऊपर छत्र फिरे
सिंह की सवारी सोहे, कर में खड्ग धरे
ओम जय श्री चौथ मैया
बाजत नौबत द्वारे, अरु मृदंग डैरु
चौसठ जोगन नाचत, नृत्य करे भैरू
ओम जय श्री चौथ मैया
बड़े बड़े बलशाली, तेरा ध्यान धरे
ऋषि मुनि नर देवा, चरणो आन पड़े
ओम जय श्री चौथ मैया
चौथ माता की आरती, जो कोई सुहगन गावे
बढ़त सुहाग की लाली, सुख सम्पति पावे
ओम जय श्री चौथ मैया।
सकट चौथ में गणेश जी की पूजा करने के बाद रात में चंद्र देव की पूजा की जाती है। चंद्र देव को अर्घ्य देने के बार ही ये व्रत पूरा माना जाता है।
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